• Life in Vienna ( Part 5) l वियाना में जीवन ( भाग 5)
    9 mins
  • Life In Vienna ( Part 4) l वियाना में जीवन ( भाग 4)
    12 mins
  • Life In Vienna ( Part 3) l वियाना में जीवन ( भाग ३)
    14 mins
  • Life In Vienna ( Part 2) l वियाना में जीवन ( भाग २)
    Dec 24 2023
    जन-साधारण के मन-मस्तिष्क पर केवल दृढ़ व ताकतवर की ही पकड़ होती है।ठीक उसी तरह जैसे एक स्त्री की आन्तरिक संवेदनशीलता अमूर्त तर्क द्वारा इतनी प्रभावित नहीं होगी, जितनी कि उसके अस्तित्व को पूर्ण करने वाली शक्ति से होती है। इसी तरह वह एक कमजोर इंसान पर राज करने के स्थान पर शक्ति संम्पन्न पुराण के समक्ष समर्पण पसन्द करती है। वैसे जन-साधारण की विनम्रता की अपेक्षा कठरता से पेश आने वाले शासक को पसन्द करती है। एक कठोर शासक की व्यवस्था से वे अधिक उपक्षत तथा सम्मानित अनुभव करते हैं जिसमें विकल्प के लिए कोई स्थान नहीं होता।साधारण के विकल्प ढूंढने में कोई रुचि नहीं होती, ऐसी व्यवस्था से उन्हें यह अनुभव होता हैं जैसा की परित्याग कर दिया गया हो। बौद्धिक यातनाएं मिलने के कारण “नह सत्य का अल्पज्ञान होता हैं
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    16 mins
  • Life in Vienna ( Part 1) l वियाना में जीवन ( भाग १)
    Dec 10 2023
    * भले ही राज्य के प्रति श्रमिक वर्गो में फैली शत्रुता को निर्मूल करना अत्यन्त मुश्किल हो, पर इसके लिए आवश्यक साधनों को अपनाने में खासतौर पर यह दिक्कत है कि वर्तमान बदलाव के भीतरी उद्देश्य व कारणों को समझने में उलझन होती है हर को अपराध भावना में इस अनिश्चितता के कारण मिलते हैं। हर इन्सान को मालूम होना चहिए कि यह दुःखद पतन क्यों हुआ, दे कोई कहता नहीं । हर मनुष्य की यह प्रवृत्ति दूरगामी परिणामों के लिए किये के प्रयास को व्यर्थ कर दती है, क्योंकि जिनसे सम्बन्धित है, वही यदि कायर, उत्साहित व आश्रित है तो उनकी रक्षा के उपायों की लागू कर पाना बहुत मुश्किल है। | आपउस समय जब मनुष्य खुद अपराधबोध से दब जाता है तो उसकी अन्तः व शक्ति उसे प्रेरणा देती है कि वह परजीवी विकास की जड़ें उखाड़कर उसे स्वाह कर दे। मगर आस्ट्रियाई राज्य के अधिकार अथवा कानून की प्रथा-परम्परा का है। जिस कारण वह बढ़ते भ्रष्टाचार को खत्म करने में समर्थ नहीं हो पा रहा थे। फ्रांसीसियों के संदर्भ में विचार किया जाए तो पता चलेगा किजिसे हम “अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा” कहते हैं, संस्कृति के जिन क्षेत्रों में फ्रांस की महानता कीबहुत कीर्ति है अथवा जिसे 'फ्रांसीसी सभ्यता” कहा जाता है, उस सभ्यता को शुद्धत:वस्तुनिष्ठ सिद्धान्तों की शिक्षा फ्रांसीसी बच्चे को नहीं दी जाती, बल्कि देश कीराजनीतिक तथा सांस्कृतिक महानता के महत्व की शिक्षा उतने ही आत्मनिष्ठ ढंग से दी जाती है, जितनी सहज होती है। इस तरह भी शिक्षा को वृद्ध परिप्रेक्ष्यों में साधारण विचारों तक ही सीमित रखना होगा तथा आवश्यकता पड़ने पर बारम्बार मनन करने से लोगों की याददाशत व भावनाओं पर उसे गहराई से अंकित करना होगा। वास्तविकता तो यह है कि मात्र अपने मामले में हम इस संस्कृति के विलोपन के नकारात्मक अपराधों के ही दोषी नहीं, हैं, वरन्‌ निश्चय ही कुछ लोगों को भी भाग्यहीनबनाने में भी दोषी हैं, जैसे हमारी अर्थव्यवस्था को दूषित करने वाले चूहे जन-साधारण के संकट व दरिद्रता से सुरक्षित मन-मस्तिष्क को थोड़ा-सा कुतर देते हैं। आपको ये एपिसोड कैसा लगा जरूर बताएं Instagram: nishlifequotes
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    25 mins
  • My Childhood l मेरा बचपन
    Oct 29 2023
    कोई भी इंसान मां के पेट से तानाशाह नही होता , लेकिन बिना किसी की कहानी सुने उसे बुरा मान लेना कोई अच्छी बात तो नहीं.......मेरा मानना है कि आपको मेरी भी कहानी जरूर सुननी चाहिए
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    23 mins
  • Trailer
    Sep 28 2023
    1 min