• Hindi Poems by Vivek (विवेक की हिंदी कवितायेँ)

  • Written by: Vivek Agarwal
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Hindi Poems by Vivek (विवेक की हिंदी कवितायेँ)

Written by: Vivek Agarwal
  • Summary

  • This podcast presents Hindi poetry, Ghazals, songs, and Bhajans written by me. इस पॉडकास्ट के माध्यम से मैं स्वरचित कवितायेँ, ग़ज़ल, गीत, भजन इत्यादि प्रस्तुत कर रहा हूँ Awards StoryMirror - Narrator of the year 2022, Author of the month (seven times during 2021-22) Kalam Ke Jadugar - Three Times Poet of the Month. Sometimes I also collaborate with other musicians & singers to bring fresh content to my listeners. Always looking for fresh voices. Write to me at HindiPoemsByVivek@gmail.com #Hindi #Poetry #Shayri #Kavita #HindiPoetry #Ghazal
    Vivek Agarwal
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Episodes
  • Shri Ram Chandra Stuti
    Sep 5 2024

    रघुपुङ्गव राघवेंद्र रामचन्द्र राजा राम।

    सर्वदेवादिदेव सबसे सुन्दर यह नाम।


    शरणत्राणतत्पर सुन लो विनती हमारी।

    हरकोदण्डखण्डन खरध्वंसी धनुषधारी।

    दशरथपुत्र कौसलेय जानकीवल्लभ।

    विश्वव्याप्त प्रभु आपका कीर्ति सौरभ।


    विराधवधपण्डित विभीषणपरित्राता।

    भवरोगस्य भेषजम् शिवलिङ्गप्रतिष्ठाता।

    सप्ततालप्रभेत्ता सत्यवाचे सत्यविक्रम।

    आदिपुरुष अद्वितीय अनन्त पराक्रम।


    रघुपुङ्गव राघवेंद्र रामचन्द्र राजा राम।

    सर्वदेवादिदेव सबसे सुन्दर यह नाम।


    महादेवादिपूजित मायामारीचहन्ता।

    दीनानाथ दयासार दान्त दुःखहन्ता।

    परंज्योति पराकाश परात्पर परंधाम।

    सुमित्रापुत्रसेवित सर्वदेवात्मक श्रीराम।


    आजानुबाहु आप अहल्याशापशमन।

    जयन्तत्राणवरद के चरणों में है नमन।

    महाबाहो महायोगी पुण्डरीकलोचन।

    भक्तवत्सल प्रभु कीजिये पापमोचन।


    रघुपुङ्गव राघवेंद्र रामचन्द्र राजा राम।

    सर्वदेवादिदेव सबसे सुन्दर यह नाम।

    ___________________

    Lyrics, Prompt Engineering, Production - Vivek Agarwal Avi

    Vocal - Suno AI


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    4 mins
  • श्री राम नवमी (Shri Ram Navmi)
    May 12 2024

    श्री राम नवमी - (हरिगीतिका छंद)


    श्री राम नवमी पर्व पावन, राम मंदिर में मना।

    संसार पूरा राममय है, राम से सब कुछ बना॥

    संतों महंतों की हुई है, सत्य सार्थक साधना।

    स्त्री-पुरुष बच्चे-बड़े सब, मिल करें आराधना॥

    नीरज नयन कोदंड कर शर, सूर्य का टीका लगा।

    मस्तक मुकुट स्वर्णिम सुशोभित, भाग्य भारत का जगा॥

    आदर्श का आधार हो तुम, धैर्य का तुम श्रोत हो।

    चिर काल तक जलती रहेगी, धर्म की वह ज्योत हो॥

    तन मन वचन सब कुछ समर्पित, जाप हर पल नाम का।

    अब राम ही अपना सहारा, आसरा बस राम का॥


    श्रद्धा सहित समर्पित

    सुर - डॉ सुभाष रस्तोगी

    गीतकार - विवेक अग्रवाल "अवि"

    मूल संगीत - उषा मंगेशकर

    संयोजन - अमोल माटेगांवकर

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    7 mins
  • ग़ज़ल - मधुमास (Ghazal - Madhumas)
    Mar 8 2024

    समापन है शिशिर का अब, मधुर मधुमास आया है।

    सभी आनंद में डूबे, अपरिमित हर्ष छाया है॥

    सुनहरे सूत को लेकर, बुना किरणों ने जो कम्बल।

    ठिठुरते चाँद तारों को, दिवाकर ने उढ़ाया है॥

    ...

    ...

    समर्पित काव्य चरणों में, बनाई छंद की माला।

    नमन है वागदेवी को, सुमन ‘अवि’ ने चढ़ाया है॥


    गीतकार - विवेक अग्रवाल "अवि"

    स्वर - श्रेय तिवारी

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    Full Ghazal is available for listening

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    5 mins

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